ममता गुप्ता
यही कुछ वर्षों की बात है एक बुजुर्ग महिला हमेशा की तरह दवा लेने के लिए हमारे दुकान आती थी उस दिन वो अपनी बेटी को लेकर आयी थी सुगर टेस्ट करवाने के लिए उसकी दवाई रेगुलर चल रही थी हमारी दुकान से मैं अपनी कुर्सी से उठ उसका हाल चाल ये मेरी आदत में शामिल थीबुजुर्गों को देखकर उसका हाल चाल पूछने के लिए खड़ा हो जाती है दवा के साथ उनका दर्द बाँटने की कोशिश करती हूँ कैसे हैं कहाँ रहते हैं अक्सर अकेले ही आती थी इस बार अपनी बेटी को लेकर साथ में आयी थी बेटी ने मुझसे पूछा माँ maa का सुगर ज़्यादा बढ़ा हुआ है क्या हम बोले हाँ दवा लगातार खाइएगा तो कंट्रोल हो जाएगा बातों ही बातों में मैंने उससे पूछा कितने बच्चे हैं आपके तो उसने बोला बस एक बेटी है लेकिन आवाज़ में दर्द था और बातों ही बातों में उसकी आँखें डबडबा गयी मैं सोचा बेकार में ही मैंने पूछाऔर दिल दुखाया फिर वो थोड़ा अपने मन की बात बतायी मुझको मेरे दो बेटे भी हैं जो गाँव से बहुत दूर शहर में रहते हैं उसे हम लोग से कोई मतलब नहीं रहता है खेतों से जो अनाज आता है का उसी से चलता है साल भर और जो भी घटता बढ़ता है बेटी देती है बेटों को मतलब नहीं साल दो साल में भी वो नहीं आते है या यह सब सुनकर मेरे दिल बहुत दुखी हुआ में उम्र के इस पड़ाव में भी उनको साथ रखना और ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है ढलते हुए उम्र में नीरसता तो आती ही है सभी कामों से समय हमें निकालकर उनके साथ रहना चाहिए कि उनकी छोटी छोटी ज़रूरतों पर ध्यान देना चाहिए वो अपने लिए कुछ नहीं ख़रीदते हैं उनका ध्यान हमें ही रखना चाहिए उनकी चप्पल चश्मा और भी बहुत सी छोटी छोटी ज़रूरत और और samay से दवाई dena खाने पीने का dhyaan dena
का ध्यान रखना चाहिए बच्चों जैसी उनकी आदत हो जाती है कभी कभी किसी भी चीज़ को लेकर वह ज़िद भी करते हैं उसे प्यार से समझाना पड़ता है उनके साथ बैठे कर उनके गुज़रे पलों के बारे में पूछे थोड़ा उनका मूड चेंज होगा बहुत उत्सुकता से वो आपको सारी बात बताएंगे आप भी अपने बचपन के बारे में उनसे पूछा जब आप छोटे थे कैसे आपको पढ़ाया लिखाया कैसे उसने आपको पाला आपकी छोटी छोटी ज़रूरतों को कैसे पूरा किया है बोहोत अच्छा लगेगा आपको भी सुन कर एक अलग आनंद की अनुभूति होगी मैं यही कहना चाहूंगी आज की पीढ़ी के बच्चों वो माता पिता का विशेष ख्याल रखें इस उम्र में उसे अकेला न छोड़ें जैसे भी हो अपने साथ रखें समय दान से से बढ़कर कोई दान नहीं होता
ममता गुप्ता झारखण्ड