साक्षात्कार साहित्यकार का में दि ग्राम टुडे के सवालों का जवाब दे रहे हैं वरिष्ठ साहित्यकार नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर जी।
१) अपना संक्षिप्त परिचय दें
जीवन परिचय
नाम:-नन्दलाल मणि त्रिपाठी
साहित्यिक नाम:-पीताम्बर
जन्मतिथि:-10/01/1962
जन्मस्थान:- रतनपुरा देवरिया उत्तर प्रदेश
माता का नाम:-स्वर्गीय सरस्वती त्रिपाठी यशोदा
पिता का नाम:-स्वर्गीय वसुदेव मणि त्रिपाठी
शिक्षा:-स्नातकोत्तर
वर्तमान में कार्य:-सेवा निबृत्त प्राचार्य
वर्तमान पता-C-159 दिव्य नगर कॉलोनी पोस्ट-खोराबार जनपद-गोरखपुर पिन-273010
मोबाइल न.-9889621993
मेल id:-KAVYKUSUMSAHITYA@gmail.com
रुचि- लिखना ,पढ़ना ,ज्योतिष ,धर्म शास्त्र
उपलब्धियां:- नाम-100 पुस्तको का लेखन पूर्ण प्रकाशित एहसास रिश्तो का ,नायक ,कहानी संग्रह ,शुभा का सच,मगरू का चुनाव,अधूरा इंसान प्रकाशन स्तर पर
महत्वपूर्ण कार्य –
समाजिक गतिविधि–
1-युवा संवर्धन संरक्षण
2-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
3-महिला सशक्तिककर्ण
4–विकलांग अक्षम लोंगो के लिये प्रभावी परिणाम परक सहयोग
(अ)
शोधपत्र–
दस विभिन्न विषयों पर
(ब)
अध्ययन एव अतिरिक्त ज्ञान–
आधुनिक ज्योतिष विज्ञानं
(स)
विशेषता —वक्ता एवम् प्रेरक
(द)
साझा संकलन –पचहत्तर
(य)सम्मान —
पांच अंतरराष्ट्रीय सम्मान
दो सौ राष्ट्रीय सम्मान बिभिन्न स्तरों पर सांमजिक क्षेत्र में
(र)-
बीस हज़ार से अधिक हताश निराश नवयुवकों को को आत्म निर्भर बनाने का कार्य एव ऐतिहासिक उपलब्धि।
(ल)-
भारतीय बैंकिग उद्योग में अनुकम्पा आधारित नियुक्ति अधिनियम बहाली का संकल्प पूर्ण बहाल अविस्मरणीय उपलब्धि।।
प्राइमरी शिक्षा – रतनपुरा जनपद देवरिया से।
उच्च शिक्षा-गोरखपुर विश्वविद्यालय
माता- स्वर्गीय सरस्वती देवी
पिता-स्वर्गीय बसुदेव मणि त्रिपाठी
विवाह -8 जुन 1986
पत्नी- श्रीमती रेणु त्रिपाठी
पुत्र – जेष्ठ शांडिल्य कनिष्क मणि
कनिष्ठ – प्रशांत मणि शांडिल्य
भाई -बड़े गोपाल मणि त्रिपाठी
छोटा भाई -स्वर्गीय महिपाल मणि त्रिपाठी
आनराष्ट्रीय सम्मय- 1-आदित्य फाउंडेशन श्रीमती शांति देवी पदमा वी पी पद्मा समान
2- एन आर बी फाउंडेशन द्वारा तीन 1-राष्ट्रीय गौरव एवार्ड 2-इंडियन बेस्टीज एवार्ड 3-सर्वश्रेष्ठ ज्योतिष विद 3-साहित्य संचय शोध संवाद फाउंडेशन 4-नेपाल भारत मैत्री वीरांगना फाउंडेशन काठमांडू रौतहट
साझा संकलन—धरोहर ,पिता, गुलमोहर ,अलकनंदा ,एहसास प्यार का, शब्दांजलि ,काव्य सरिता ,सपनो से हकीकत ,जमी आसमान ,काव्य चेतना, शहीद, शांति पथ, काव्य स्पर्श।
प्राप्त सम्मान–अंतररास्ट्रीय 1-नेपाल भारत वीरांगना फाउंडेशन राजेन्द्र नारायण सम्मान 2–एन आर बी फाउंडेशन भव्या इंटरनेशनल इंडियन वेस्टीज अवार्ड-2019 रास्ट्रीय—1-साहित्य सृजन मंच स्वर्गीय विपिन बिहारी मेहरोत्रा सम्मान 2-काव्य सागर यू ट्यूब कहानी प्रतियोगिता सम्मान 3-साहित्य कलश साहित्य रत्न पुरस्कार 4–कशी काव्य संगम उत्कृष्ट रचना धर्मिता सम्मान 5-बृजलोक साहित्य कला संस्कृत अकादमी श्रेठ साहित्य साधक सम्मान 6–साहित्य दर्पण भरतपुर श्रेठ लेखन सम्मान 7-उत्कृष्ट साहित्य सृजन गुलमोहर सम्मान 8-विश्व शांति मानव सेवा समिति विश्व शांति मानव सेवा रत्न सम्मान 9–काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान-2018 10-काव्य रंगोली साहित्य सम्मान 11–काव्य स्पर्श काव्य श्री साहित्य सम्मान 12–रास्ट्रीय कवि चौपाल एवम् ई पत्रिका हिंदी ब्लॉक स्टार हिंदी सम्मान-2019 13-राष्ट्रिय कबि चौपाल रामेश्वर दयाल दुबे सम्मान 14-युवा जाग्रति मंच कमलेश्वर साहित्य सम्मान 15-अखिल भारतीय साहित्य परिषद साहित्य भूषण सम्मान 16–अखिल भारतीय साहित्य परिषद साहित्य सम्राट सम्मान 17–अलकनंदा साहित्य सम्मान 18-के बी हिंदी साहित्य समिति नन्ही देवी हिंदी भूषण सम्मान 19–रॉक पिजन सम्मान 20–काव्य रंगोली महिमा मंडन पुरकार 21-काव्य रंगोली व्हॉट्स एप्प पुरस्कार -2018 22-काव्य कुल संसथान अटल शब्द शिल्पी सामान 23-धरोहर साहित्य अक्षत सम्मान 24-काव्य कलश राजेन्द्र व्यथित सम्मान 24-काव्य चेतना सम्मान आदि।
अन्य–साहित्य एक्सप्रेस ग्वालियर द्वारा नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर विशेषांक मार्च -2019
२) आपका आगमन साहित्य के आँगन में कब हुआ? अर्थात् आपने कब से लिखना आरंभ किया?
विगत 40 वर्षों से लेखन कार्य निर्बाध गति से चल रहा है प्रथम लेखन वर्ष 1982 में हुआ।
३) आप कौन कौनसी विधा में लेखन करते हैं, अपनी किन्हीं श्रेष्ठ एक दो रचनाओं को हमारे बीच साझां करें।
कविता कहानी गीत ग़ज़ल उपन्यास ।
४) आप नवोदित रचनाकारों को अपने साहित्यिक अनुभव द्वारा क्या सुझाव देना चाहेंगे?
सकारत्मक सार्थक सोच समझ एव वीचारोँ कि समय समाज राष्ट्र के परिपेक्ष्य का वर्तमान एव प्रेरणा का भविष्य लेखन का केन्द्र बिंदु होना चाहिये।
६) आपके अनुसार हिंदी के उत्थान हेतु साहित्यकारो को किस तरह कौनसा कार्य करना चाहिए?
हिंदी के प्रचार प्रसार का प्रभवी एव परिणाम परक हिंदी हिंदुस्तान जागरण का अभियान।।
७) क्या आप इस बात से सहमत हैं कि हम अपनी कलम की मदद से सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं यदि हाँ, तो कैसे?
जी हाँ कलम कि धार तलवार से तेज औऱ सार्थक एव गभ्भीर होती है।।
अंत में एक आखिरी प्रश्न कहिए या सुझाव जो हम आपसे जानना चाहते हैं
हिंदी को शसक्त एव मजबूत बनाने के लिए निश्चित चरणों के आयाम अध्याय का महायज्ञ अनुष्ठान जो प्रेरणादायक और प्रभावोत्पादक हो।